नाशिक: खरशेत (ता. त्र्यंबकेश्वर) के आदिवासी महिलाओं को पानी के लिए करीब देड़ किलोमीटर 30 फुट गहरे तालाब के ऊपर से लकड़ी के शाहयते से पार किया जाता था पार करते फ़ोटो वायरल होने पर इसकी आवाज सरकार तक पहुची।
सरकार ने कंहा महिला अपनी जान जोखिम में डालने की खबर पढ़कर हमें दुख हुआ। स्थानीय लोगों की बात करें तो महिलाओं की सुविधा के लिए तत्काल लोहे की बाड़ बनाने का काम शुरू कर दिया गया है. इस काम को 2 दिन में पूरा कर हम आदिवासी बहनों के इंतजार को सहने योग्य बनाएंगे।
पाण्यासाठी आदिवासी महिलांना आपला जीव धोक्यात घालावा लागतो ही बातमी वाचून अस्वस्थ झालो. येथील स्थानिकांशी बोलून महिलांच्या सोयीसाठी येथे ताबडतोब लोखंडी साकव बांधण्याचे काम सुरू झाले आहे. २ दिवसात हे काम पूर्ण करून आदिवासी भगिनींची वाट सुसह्य करू. pic.twitter.com/q1jbYACCfz
— Aaditya Thackeray (@AUThackeray) January 9, 2022